रुद्रपुर, 03 अप्रैल (हि.स.)। हत्यारोपितों को बचाने के लिए प्रपत्रों में फेरबदल कर नाबालिग साबित करने के मामले में दस हजार रुपये के फरार इनामी अभियुक्त को एसटीएफ ने मुरादाबाद के दलपतपुर से गिरफ्तार कर लिया है। इस अपराधी के खिलाफ 10 वर्ष पहले पंतनगर थाने में मुकदमा कायम कराया गया था।
घटना के बारे में एसएसपी डाक्टर मंजू नाथ टीसी ने बताया कि वर्ष 2012 में लोकेंद्र,कपिल और जितेंद्र कुमार और दीपक बिष्ट नामक युवकों ने रुद्रपुर के आवास विकास कालोनी में दो लोगों को चाकू मारकर बुरी तरह घायल कर दिया था। इस घटना में एक युवक गौरव अरोड़ा की मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने घटना में शामिल चारों अभियुक्तों को जेल भेज दिया था। इस मामले में जेल में बंद कपिल और जितेंद्र को बचाने के लिए उनके पिता अनिल कुमार उर्फ गुड्डू ने फर्जी कागजात तैयार कर दोनों को नाबालिग घोषित करा दिया, लेकिन जब किशोर न्याय बोर्ड ने कागजों का परीक्षण किया तो हेराफेरी सामने आ गई, जिसके बाद किशोर न्याय बोर्ड ने विभिन्न धाराओं में पंतनगर थाने में अनिल कुमार के खिलाफ मुकदमा कायम करा दिया था।मुकदमा कायम होने के बाद अनिल कुमार फरार हो गया।
एसएसपी ने बताया कि फरार अनिल की गिरफ्तारी के लिए एसओजी प्रभारी कमलेश भट्ट के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था। इस टीम ने सर्विलांस के जरिए अनिल को मुरादाबाद के दलपतपुर से गिरफ्तार कर लिया।अनिल के ऊपर दस हजार रुपए का ईनाम भी घोषित था। एसएसपी ने बताया कि अनिल दलपतपुर में अपने पुत्र लोकेंद्र के साथ रहता था और खुद को सेवानिवृत्त दारोगा बताता था।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजय आहूजा
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