मुंबई। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुणे के जिला प्रशासन ने नाइट फर्फ्यू का ऐलान कर दिया है। जिले में रात को 11 बजे से सुबह 6 बजे के दौरान गैर-जरूरी गतिविधियों की इजाजत नहीं होगी। इसके अलावा स्कूल, कॉलेज और प्राइवेट कोचिंग संस्थानों को भी 28 फरवरी तक बंद रखने का फैसला लिया गया है। रेस्तरां भी रात 1 बजे की बजाय 11 बजे ही बंद होंगे।
प्रशासन का कहना है कि डिप्टी चीफ मिनिस्टर अजित पवार और अन्य सीनियर अफसरों से मीटिंग के बाद यह फैसला लिया गया है। कर्फ्यू के फैसले का ऐलान करते हुए पुणे के डिविजनल कमिश्नर सौरभ राव ने कहा कि जिले में वायरस के हॉटस्पॉट्स की पहचान कर ली गई है। इसके अनुसार ही सख्ती बरती जा रही है।
आपको बता दें कि देश के कई हिस्सों में कोरोना वायरस ने दोबारा से रफ्तार पकड़ ली है। इस बीच कोरोना की इस दूसरी लहर में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है। महाराष्ट्र में कोरोना मामले तेजी से बढ़ रहे है। प्रतिदिन दर्ज किए जाने कोरोना मामलों में इस हफ्ते अचानक से तेजी देखी गई है। नए कोरोना मामलों के बढ़ने से राज्य में एक्टिव मामलों में 29 प्रतिशत का उछाल आया है।शनिवार को राज्य में लगातार दूसरे दिन 6000 से अधिक नए मामले सामने आए हैं। शनिवार को राज्य में कोरोना वायरस के 6281 नए मामले सामने आए।
राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों ने सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं। अब राज्य में 12 घंटे का कर्फ्यू लागू करने पर विचार हो रहा है। राज्य के राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय वाडेट्टीवार ने रविवार को कहा कि जल्दी ही इस संबंध में सरकार की ओर से फैसला लिया जा सकता है। यही नहीं शादियों में 50 से ज्यादा लोगों के पहुंचने पर 1 लाख रुपये तक का फाइन लगाने पर भी विचार हो रहा है।
विजय वाडेट्टीवार ने कहा, “महाराष्ट्र के कई जिलों में कोरोना वायरस के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके चलते सभी जिलाधिकारियों को कोरोना से निपटने के लिए नियमों को सख्ती से लागू करने के आदेश दिए गए हैं। उन्हें कोरोना से निपटने के लिए अपने स्तर पर सख्त नियम लागू करने के अधिकार भी दिए गए हैं।”
इसके साथ ही तमाम राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए केंद्र ने भी सख्ती बरतनी शुरु कर दी है। केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि बढ़ते नए कोरोना मामलों पर समय रहते काबू पाने के लिए राज्यों को कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ानी होगी।
केंद्र सरकार ने राज्य की सरकारों को मुख्य रुप से चार-पांच प्रमुख चीजों पर काम करने को कहा है। सरकार का कहना है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट की संख्या बढ़नी होगी। साथ ही राज्यों के चयनित जिलें जहां मामले ज्यादा हों, वहां सख्त और व्यापक निगरानी पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इसके अलावा उच्च मृत्यु दर वाले जिलों में क्लिनिकल प्रबंधन पर खास ध्यान देने के साथ-साथ रैपिड एंटीजन टेस्ट के बाद जिन लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आए, उनका अनिवार्य रूप आरटी-पीसीआर टेस्ट करना होगा।
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