चीन में कोरोनावायरस का संक्रमण पिछले साल अगस्त में ही शुरू हो गया था। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की स्टडी में यह दावा किया गया है। हालांकि चीन ने दुनिया को इस संक्रमण की जानकारी 31 दिसंबर को दी थी। स्टडी करने वाली टीम ने कमर्शियल सैटेलाइट इमेजरी की मदद से वुहान शहर की कुछ तस्वीरों की स्टडी की है।
ये तस्वीरें अगस्त 2019 और इससे ठीक एक साल पहले की हैं। इनमें वुहान शहर के अस्पतालों के बाहर बड़ी संख्या में वाहन दिख रहे हैं। इससे पहले वुहान में इस तरह भीड़ सिर्फ संक्रमण के चलते ही दिखी है। स्टडी के अनुसार संभव है कि रिपोर्ट किए जाने से बहुत पहले ही चीन में कोरोना का प्रकोप शुरू हो चुका था।
डॉक्टर्स शुरुआती तौर पर बीमारी पहचानने में नाकाम रहे
अगस्त से ही वुहान के 5 बड़े अस्पतालों के बाहर आश्चर्यजनक तौर पर वाहनों की भीड़ थी। हालांकि ऐसा भी हो सकता है कि जो लोग अस्पताल पहुंचे उन्हें मौसम की वजह से खांसी-बुखार और डायरिया के मरीज समझकर इलाज किया गया हो। संभव है कि डॉक्टर्स को इस बीमारी के बारे में पता ही नहीं चला होगा।
भारत में चीन से नहीं फैला कोरोना: आईआईएससी
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) की ताजा स्टडी में पता चला है कि भारत में कोरोना चीन से नहीं, बल्कि यूरोप, मध्य पूर्व, ओशिनिया और दक्षिण एशियाई देशों से आाया है। इन्हीं देशों से भारत में सबसे ज्यादा लोगआए। वैज्ञानिकों ने यह दावा जीनोमिक्स स्टडी के आधार पर किया है।
अमेरिका में अगस्त तक 1.45 लाख मौतें संभव
अमेरिका में कोरोना प्रकोप के बीच यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि अगस्त तक देश में 1.45 लाख लोगों की मौत हो सकती है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Todayपिछले साल 5 अगस्त से ही वुहान के 5 बड़े अस्पतालों के बाहर बड़ी संख्या में गाड़ियां नजर आने लगीं थीं। जिसे सैलेटेलाइट इमेज में देखा जा सकता है।
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